मार्क्सवाद की हिफाज़त

कार्ल मार्क्स की 193वीं सालगिरह के अवसर पर

मार्क्सवाद की हिफाज़त करने का मतलब है मजदूर वर्ग को क्रान्ति के जरिये समाज को अगले ऊंचे पड़ाव तक ले जाने में सक्षम बनाना

मार्क्स ने आधुनिक मजदूर वर्ग को वह क्रान्तिकारी ताकत बताया, जो समाज को पूंजीवाद से कम्युनिज़्म तक ले जाने में अगुवाई देने को इच्छुक है और इसके काबिल भी है। कम्युनिज़्म का शुरुआती पड़ाव समाजवाद है। मार्क्स ने समझाया कि पूंजी द्वारा उत्पीडि़त सभी वर्गों और तबकों में मजदूर वर्ग ही वह वर्ग है जो पूंजी के बढ़ने और संकेन्द्रित होने के साथ-साथ खुद बढ़ता और शक्तिशाली होता है। किसान और दूसरे छोटे उत्पादक समय के साथ-साथ विघटित होते रहते हैं, कुछ पूंजीपति बन जाते हैं और अधिकतम अपनी संपत्ति को खो कर वेतन भोगी मजदूर बन जाते हैं। मार्क्स ने यह समझाया कि बड़े पैमाने पर समाजीकृत उत्पादन के अन्दर बहुत सारे मजदूरों को एक साथ लाकर पूंजीपति वर्ग खुद अपनी कब्र खोदने वाला आधुनिक मजदूर वर्ग पैदा करता है।
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